अमेरिका में कानूनी मसलों में जब तक किसी पुरुष पक्ष की वास्तविक पहचान नहीं हो पाती उसे अदालती कारवाई में जॉन डो कहा जाता है. महिला पक्ष के लिए यह प्लेसहोल्डर है जेन डो. ये नाम अदालत से बाहर भी अनाम या आम व्यक्ति के तौर पर पहचान के लिए धड़ल्ले से बरते जाते हैं. मसलन, 1941 में फ़्रैंक कैप्रा ने एक फ़िल्म बनाई थी - मीट जॉन डो*, जोकि एक आम आदमी की कहानी थी (न देखी हो तो देख डालिए). इसके अलावा भी पॉपुलर कल्चर में इनका इस्तेमाल आम है.
लगभग हर देश के अपने-अपने जॉन और जेन डो हैं. पर भारत में अभी हाल तक ऐसा कोई नाम प्रचलन में नहीं था. अदालतों में "नामालूम" शब्द से काम चलता आ रहा है. पर आखिर भारतीय कोर्टों ने भी अपना हिंदुस्तानी जॉन डो ढूँढ लिया लगता है. और वह है - अशोक कुमार (दादा मुनि, आप वैसे अमर न हुए होते तो ऐसे हो जाते). महिलाओं के लिए अभी तक कोई विशेष नाम प्रचलन में नहीं है. पर शायद जल्दी ही हो जाए. वैसे मीना कुमारी कैसा रहेगा? ख़ैर..
तो ब्लॉगर साहेबान, अगली बार अगर आपको अशोक कुमार के नाम से कोई टिप्पणी देता दिखे तो उसे एक अनजान, आम आदमी की प्रतिक्रिया मानिएगा, अपने पड़ोसी अशोक बाबू की नहीं.
*90 के दशक में इस फ़िल्म की लगभग हूबहू हिंदी कॉपी जावेद अख़्तर की कलम से निकली थी. नाम रखा था मैं आज़ाद हूँ. पर लगता है भारतीय अदालतों को जावेद अख़्तर का सुझाव जँचा नहीं.
[लैंग्वेजहैट के जरिए]
Wednesday, March 12, 2008
हिंदुस्तानी जॉन डो
Friday, March 07, 2008
कच्ची गाजर, पक्का गाजर
हिंदी में लिंगभेद पर जो छोटा सा सर्वेक्षण हमने किया था उसके परिणाम बिना किसी हील-हुज्जत के सामने रख रहा हूँ. विश्लेषण और चर्चा का काम आप पर छोड़ता हूँ.
सर्वे में पूछा यह गया था कि आप दही, गाजर, प्याज, आत्मा, चर्चा, धारा, ब्लॉग, ईमेल, और गिलास को पुल्लिंग की तरह प्रयोग करते हैं या स्त्रीलिंग की तरह. 19 से लेकर 60 वर्ष तक की आयु वाले कुल 39 लोगों ने अपने जवाब भरे. इनमें से 28 की मातृभाषा हिंदी थी, 11 की कोई और. गैर मातृभाषियों में 5 अमेरिका से, और 1-1 इटली, केरल, पंजाब, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, और उत्तराखंड से थे.
मातृभाषियों के उत्तर
हिंदी मातृभाषियों में सबसे अधिक दुविधा प्याज और ईमेल के लिंग के बारे में दिखी. प्याज को स्त्रीलिंग बताने वालों में 5 उत्तरप्रदेशी, 3 मध्यप्रदेशी, और 1 दिल्ली वाले थे. उत्तरप्रदेश के 35% और बिहार, उत्तराखंड, और महाराष्ट्र के सभी हिंदी मातृभाषियों ने गाजर को पुल्लिंग बताया; सभी मध्यप्रदेश और राजस्थान वालों ने स्त्रीलिंग. दिलचस्प बात है कि ईमेल को पुल्लिंग बताने वालों में भी बिहार, उत्तराखंड, और महाराष्ट्र के सभी हिंदीभाषी शामिल थे. आत्मा, चर्चा, धारा के स्त्रीलिंग होने पर लगभग सभी एकमत थे. इसी तरह ब्लॉग और गिलास के पुल्लिंग होने पर भी एक राय दिखी. राजस्थान के सभी हिस्सा लेने वाले आत्मा के अलावा सभी शब्दों पर एकमत दिखे. इसी तरह दिल्ली वालों में दही और प्याज को छोड़कर बाकी सभी के लिंगों पर सहमति दिखी.
गैर-मातृभाषियों के उत्तर
गैर हिंदी मातृभाषियों में ब्लॉग (पु.), प्याज (पु.), और धारा (स्त्री.) पर लगभग सहमति दिखी. आत्मा और धारा के स्त्रीलिंग होने पर सभी अमेरिकी एकमत थे. पंजाब और इटली के वोटों के अनुसार आत्मा पुल्लिंग है. गाजर केरल, महाराष्ट्र, और मध्यप्रदेश के वोटों में पुल्लिंग था तो उत्तराखंड, पंजाब, और इटली के वोटों में स्त्रीलिंग थी. दही को केरल और मध्यप्रदेश के गैर मातृभाषी वोटों ने स्त्रीलिंग माना. चार्ट यह रहा:
अब देखें कि शब्दकोश क्या कहते हैं. फ़िलहाल प्लैट्स के हिसाब से देखते हैं. यह प्रतिष्ठित शब्दकोश ऑनलाइन भी उपलब्ध है. ध्यान रखने की बात यह है कि प्लैट्स 100 साल से ज़्यादा पुराना है और संभव है कि कुछ लिंग प्रयोग इन सालों में बदल गए हों. इसके अलावा ईमेल या ब्लॉग जैसे नए शब्द भी इससे नदारद होंगे. अगर आपके पास दूसरे शब्दकोश हों और उनमें भिन्न राय हों तो ज़रूर लिखें. तो देखें प्लैट्स महाशय क्या कहते हैं.
दही - पुल्लिंग - H दही dahī, corr. धई dhaʼī [Prk. दहिअं; S. दधि+कं], s.m.
गाजर - पुल्लिंग और स्त्रीलिंग - H गाजर gājar, (rustic) गाजिर gājir [Prk. गज्जरं; S. गर्जरं], s.f. & m.
प्याज - स्त्रीलिंग - P piyāz, s.f. Onion;
यहाँ देख सकते हैं कि न केवल शब्द का उच्चारण और वर्तनी बदल गये हैं, बल्कि अधिकतर हिंदीभाषी अब इसे पुल्लिंग बरतते हैं. एक रुचिकर बात - हिंदी का कांदा पुल्लिंग है और देखा गया है कि आयातित शब्दों के लिंग निर्धारण में पहले से मौजूद समानार्थक शब्द के लिंग का गहरा प्रभाव होता है.
आत्मा - पुल्लिंग और स्त्रीलिंग - S आत्मा ātmā, s.m.f.
चर्चा - शब्दार्थ भेद के अनुसार पुल्लिंग या स्त्रीलिंग - H चर्चा ćarćā [S. चर्चकः, rt. चर्च्]
चर्चा के दो अर्थ हैं. अपने पहले अर्थ अफ़वाह या "Popular talk" के मायनों में यह पुल्लिंग है. पर अपने दूसरे अर्थों बहस, विचार-विमर्श, या "mention" के लिए प्रयोग में यह स्त्रीलिंग है.
धारा - स्त्रीलिंग - S धारा dhārā, s.f.
धारा का पुल्लिंग प्रयोग उर्दू में आम है. आप सबने शकील बदायूँनी का वो गाना ज़रूर सुना होगा - तू गंगा की मौज मैं जमुना का धारा..
तो ये थे हिंदी लिंगभेद सर्वेक्षण के परिणाम. सर्वेक्षण मेरे लिए मज़ेदार और ज्ञानवर्द्धक रहा. भाग लेने वालों का शुक्रिया. और जो बिना भाग लिए भाग लिए उन्हें तख़लिया.
Posted by v9y at 1:11 pm 7 comments
Thursday, March 06, 2008
"यह पाकिस्तानी परंपरा नहीं है"
फ़िल्मों की भाषा आम तौर पर एक बड़े व्यापक वर्ग को ध्यान में रखकर लिखी जाती है. ख़ासकर अगर विषय-वस्तु ऐतिहासिक या आंचलिक न हो. कोशिश यह दिखती है कि ऐसे लफ़्ज़ों का इस्तेमाल हो जो पूरे देश (और विदेश) के लोग समझ पाएँ. पर टीवी में दर्शकवर्ग अधिक केंद्रित होता है. और इसी वजह से टीवी की भाषा में आम तौर पर ऐसे शब्द मिल जाते हैं जो लक्षित क्षेत्र-विशेष के बाहर के लोगों के लिए अपरिचित होते हैं.
पर अब सैटेलाइट के ज़माने में टीवी अपनी क्षेत्रीय प्रसारण सीमाओं से आज़ाद हो चुका है. हिंदी टीवी के कार्यक्रम अमेरिका, खाड़ी क्षेत्र, और पाकिस्तान में भी रुचि से देखे जाते हैं. और इस फैलाव के साथ ही फैल रहे हैं शब्द. इसमें कोई शक नहीं कि एक आम हिंदीभाषी की उर्दू शब्दावली बढ़ाने में फ़िल्मों और फ़िल्मी गानों का बहुत हाथ रहा है. अब ऐसा ही कुछ पाकिस्तान में हिंदी शब्दावली के लिए टीवी कर रहा है. एक दिलचस्प लेख में देवीरूपा मित्रा लिखती हैं,
"A quick survey of Pakistanis, particularly the young and women in cities, showed that they were familiar with some of the more difficult Hindi words.
"Sometimes, I find myself saying, 'yeh Pakistani parampara nahin hai' (this is not Pakistani tradition), which causes my husband to look at me strangely," said Nadia Bano, a 32-year-old Islamabad housewife.
[...]
"On a Pakistani web forum debating the "Indian invasion" through TV soaps and films, a netizen wrote, "To learn the other dialect all a Paki need do is to watch STAR Plus and he'll pick up Sanskrit vocabulary".
"He listed several words that he had picked up by watching Indian entertainment channels - parivar (family), parampara (tradition), prarthana (prayer), puja (worship), shanti (peace), dharam (religion), aatmahatya (suicide) and pradhan mantri (prime minister)."
Posted by v9y at 10:02 am 6 comments
Wednesday, March 05, 2008
प्रश्नोत्तरंग
जब तक इंटरनेट लोगों के घर तक, उनकी अपनी भाषा में, आसान रूप में नहीं पहुँचता (कभी पहुँचेगा भी?), तब तक के लिए एक उपाय - क्वेश्चन बॉक्स.
परिकल्पना बड़ी सीधी है - लोग इसके जरिये एक ऑपरेटर को फ़ोन कर अपने सवाल पूछते हैं, ऑपरेटर इंटरनेट से उनके जवाब ढूँढ़ कर उन्हें वापस बताता है. ये बक्से प्रयोग के तौर पर अभी दिल्ली के पास, नोयडा के बाहर, दो कस्बों में लगाए गए हैं.
कल कोरी डॉक्टरो ने बोइंग बोइंग पर इसका ज़िक्र किया है. मुझे पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा है कि बड़े पैमाने पर इसका काम कर पाना मुश्किल होगा. यह तरीका शहरों या बड़े कस्बों के लिए मुझे बहुत कुशल नहीं लग रहा. आप क्या सोचते हैं?
Posted by v9y at 3:14 pm 18 comments
2007 के RMIM पुरस्कार घोषित
इस ब्लॉग के संगीत प्रेमी पाठकों को याद होगा कि कुछ अर्से पहले मैंने यहाँ RMIM पुरस्कार के लिए नामांकन आरम्भ की घोषणा की थी. क़रीब दो महीने की नामांकन और ज्यूरी अंकन प्रक्रिया के बाद अब नतीजे सामने हैं. साल 2007 की हिंदी फ़िल्मों के कुछ चुनिंदा गानों, एल्बमों, और कलाकारों की सूची आपके लिए प्रस्तुत है.
एक ख़ास बात - इस बार ज्यूरी में हिंदी में ब्लॉग लिखने वाले और आपके सुपरिचित दो चिट्ठाकार भी शामिल थे. नाम का अंदाज़ा लगाना कुछ ख़ास मुश्किल नहीं है पर मैं बता देता हूँ - मनीष और यूनुस. उन्हें शुक्रिया.
परिणाम हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों में उपलब्ध हैं. इस बारे में अपनी प्रतिक्रिया आप गीतायन ब्लॉग की परिणाम घोषणा प्रविष्टि के कमेंट बक्से में कर सकते हैं या यहीं पर. कड़ी फिर से ये रही:
RMIM पुरस्कार 2007 परिणाम
Posted by v9y at 10:18 am 14 comments