Sunday, August 07, 2005

बीबीसी की हिंदी

लोकप्रियता ये तो न करवाए। बीबीसी हिंदी वेबसाइट जो अपने आरंभिक दौर में अच्छे सम्पादन की मिसाल होती थी, अब कहाँ पहुँच गई है इसकी एक बानगी इस पन्ने पर देखी जा सकती है।

यह अकेला समाचार हिंदी प्रूफ़ की सामान्य अशुद्धियों की मिसाल है। पर समस्या इस पन्ने तक सीमित होती तो शायद मैं लिखता भी नहीं। पिछले एक लम्बे अर्से से ये लापरवाही बीबीसी हिंदी पर देख रहा हूँ। उन्हें सबूतों समेत एक पत्र भी लिख चुका हूँ पर कोई उत्तर नहीं - "पलट के देख तो लेता अगर जवाब न था"।

ब्लॉगरों और अन्य अनौपचारिक लेखकों द्वारा की गईं अशुद्धियाँ हालाँकि अखरती तो बहुत हैं पर बर्दाश्त की जा सकती हैं। आखिर वे लोग अपने लिए लिख रहे हैं और उन्हें इस बात की चिंता नहीं कि पढ़ने वाले उन्हें 'सीरियसली' लें। पर पेशेवर लेखकों का ऐसा करना हमेशा भारी तकलीफ़ का सबब होता है। और हिंदी के आजकल के पत्रकार ऐसी तकलीफ़ें देने में कोई तकल्लुफ़ नहीं करते।

बहरहाल, आइये हृदय-पीड़ा को कम करने के लिए इस मौके का सकारात्मक पहलू देखें और एक खेल खेलें। तो देखिये यह पन्ना और बताइये कि कुल कितनी वर्तनी या टंकण अशुद्धियाँ इस समाचार में मौजूद हैं। और कौन-कौन सी। हमारा खेल बीबीसी बाद में बिगाड़ न दे, इसलिये मैंने उनके पन्ने का एक तुरत-चित्र (स्क्रीनशॉट) भी ले लिया है।