Monday, June 11, 2007

बिल्लियाँ सिर्फ़ हिंदी समझती हैं

नहीं मानते? अमेरिका के डेव पेटन से पूछिए. वरना ख़ुद ही किसी बिल्ली से बात करके देख लीजिए. अगर बात हो तो मेरा नमस्ते कहिएगा.

5 comments:

अनूप शुक्ल said...

अरे ये तो दोस्ती की भाषा है केवल हिंदी ही नहीं है। यह अलग बात है कि आप कह लो कि हिंदी दोस्ती की भाषा है!

Udan Tashtari said...

आपका नमस्ते कहा था उससे..याद करके बेचारी की आँख नम हो आई. कह रही थी कि आजकल आप ज्यादा लिख नहीं रहे, हिन्दी समझ गई. उसने भी नमस्ते कहा है. :)

azdak said...

क्‍या महाराज, ये क्‍या इधर-उधर टहल रहे हैं..!.. काम की चीज़ निकालिए काम की!.. वैसे प्रभु जोशी वाली खोज दुरुस्‍त थी..

हरिराम said...

सन्दर्भित संस्मरण में 'किरण' ने यदि बिल्लियों से पंजाबी में बात करना शुरू किया होता तो वे पंजाबी ही समझतीं। पशु प्रेम की भाषा समझते हैं।

ePandit said...

हा हा मजेदार लिंक लाए। बिल्ली जी से मिलें तो हमारी भी नमस्ते कह देना।