वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम ने 2006-07 के लिए वैश्विक सूचना तकनीक रिपोर्ट जारी कर दी है. यह रिपोर्ट विश्व के 122 देशों के लिए 'नेटवर्क तैयारी सूचकांक' (NRI) बताती है जो कि 3 घटक सूचकांकों से बना है -
1) देश या समाज द्वारा उपलब्ध कराया गया 'सूचना और संवाद तकनीक' (ICT) का माहौल
2) समाज के प्रमुख हिस्सेदारों की तैयारी (जनता, व्यापार, सरकार)
3) इन हिस्सेदारों में सूचना और संवाद तकनीक का प्रयोग
तो ख़बर यह है कि अमेरिका तकनीकी सिरमौर नहीं रहा. बल्कि आस-पास भी नहीं. पिछले साल के पहले से अब वह सीधे 7वें स्थान पर आ गया है. और अपने आप को आइटी महाशक्ति समझने वाला भारत 44वें स्थान पर है, पिछले साल से 4 स्थान नीचे.
यह रहे शीर्ष 10 देश, ख़ासकर उनके लिए जो कहते हैं अँग्रेज़ी में शिक्षा के बिना तकनीकी तरक्की संभव नहीं.
1. डेनमार्क
2. स्वीडन
3. सिंगापुर
4. फ़िनलैंड
5. स्विटज़रलैंड
6. नीदरलैंड्स
7. अमेरिका
8. आइसलैंड
9. यूके
10. नॉर्वे
भाषा के संदर्भ में ये आँकड़े अगर कुछ बताते हैं तो यह कि तकनीक को हर एक तक पहुँचाने के लिए तकनीक का स्थानीयकरण ज़रूरी है. हमारे यहाँ नीति उल्टी तरफ़ से चल रही दिखती है. हम लोगों का विदेशीकरण करने में लगे हैं.
Thursday, March 29, 2007
तकनीक लोगों के लिए
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4 comments:
शुक्रिया, बंधु। ऐसे पोस्ट्स की संख्या जितनी बढ़े उतना अच्छा। फिर से शुक्रिया।
बहुत अर्थपूर्ण बात कही है आपने- "भारत लोगों का विदेशीकरण करने में लगा है।"
अब भी चेतो, मेरे प्यारे देश! कब तक गुलामी ढ़ोते रहोगे?
इतनी अच्छी जानकारी के लिए आपका धन्यवाद। उम्मीद है ऐसे लेख आगे भी आपके ब्लॉग पर पढने को मिलेंगे।
शुक्रिया - उम्दा जानकारी!
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