...यंत्र के स्तर पर (हिंदी) की ज़रूरत क्या है? यंत्र को हिंदी मालूम होने से प्रयोक्ता को कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा। उसे केवल अपनी मातृभाषा में कंप्यूटर का आवरण चाहिए। यहाँ यूरोप में हमारी कई भाषाएँ हैं। और मेरे देश, फ़िनलैंड में, कई भाषाएँ बोली जाती हैं, लेकिन फ़िनी सबसे आम है, और उसके बाद स्वीडिश है। सभी कंप्यूटर विंडोज़ के फ़िनी या स्वीडिश अनुवाद सहित ही मिलते हैं। अधिकतर लोग अपनी मातृभाषा में ही सभी प्रोग्राम खरीदते हैं।
यह बहुत आसान होता है, छोटे बच्चों के लिए भी। उन्हें कोई विदेशी भाषा नहीं सीखनी पड़ती, न ही अजीबोगरीब अंग्रेज़ी वर्तनी सीखनी पड़ती है। बल्कि तार्किक फ़िनी वर्तनी पहले सीख लेने के बाद बच्चों को अंग्रेज़ी की बेहूदा वर्तनी सीखना ही बहुत मुश्किल होता है। हिंदी की तरह ही फ़िनी में भी उच्चारण आधारित वर्तनी होती है, हालाँकि हम रोमन लिपि का प्रयोग करते हैं। अगर सब कुछ अपनी मातृभाषा में हो तो अंतरापृष्ठ में विकल्पों, जमावों, और फ़ाइलों को देखना बहुत आसान हो जाता है। खासतौर पर जब शब्द संसाधक और वर्तनी जाँच भी अपनी भाषा में हो तो और भी।
कुंजीपटल का जमाव दोनों के लिए एक सा ही है क्योंकि फ़िनी व स्वीडिश दोनों एक ही तरह के अक्षर व जमाव का इस्तेमाल करते हैं। अंग्रेज़ी वाले भी उसी जमाव का इस्तेमाल कर सकते हैं, हालाँकि कुछ अक्षर अलग जगह होते हैं। रूसी भाषी सिरिलिक कुंजीपटल खरीदते हैं, जिनमें रोमन अक्षर भी होते हैं, या फिर फ़िनी कुंजीपटल पर सिरिलिक की चिप्पियों का इस्तेमाल करते हैं।
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मुझे समझ नहीं आ रहा कि हिंदी के पीसी बेचने का इतना विरोध क्यों हो रहा है। मुझे लगता है कि इसका स्वागत होना चाहिए। प्रणालियों को मुक्त, एक दूसरे के साथ सामंजस्य युक्त व पेटेंट मुक्त होना चाहिए।
कुंजीपटल के बारे में, मुझे कुंजीपटल के पेटेंट के बारे में पता नहीं था। हो सकता है कि वे पेटेंट कर रहे हों, पर उससे क्या? इंस्क्रिप्ट व रोमन जमाव तो उपलब्ध हैं ही, तो भारतीय भाषाओं के संगणन में एक और अमानक चीज़ लाने का क्या लाभ?
- औस्सि विल्यकैनेन, पूरा सूत्र, इंडलिनक्स-हिंदी की डाक सूची के पुरालेखों से। ऑसी जी संस्कृत में दिलचस्पी रखते हैं, और कंप्यूटर पर संस्कृत में काफ़ी काम करते हैं। ये टिप्पणियाँ उन्होंने कालिबोंका के हिंदी पीसी पर छिड़ी चर्चा के दौरान की थीं।
अगर आपको उपरोक्त टिप्पणी दिलचस्प लगी तो माइक्रोसॉफ़्ट का विंडोज़ एक्सपी का हिंदी अंतरापृष्ठ पैक, व हिंदी में लिनक्स भी दिलचस्प लगेंगे।
6 comments:
very good infromation , but it is not very new. a little old
तीन दिन के अवकाश (विवाह की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में) एवं कम्प्यूटर पर वायरस के अटैक के कारण टिप्पणी नहीं कर पाने का क्षमापार्थी हूँ. मगर आपको पढ़ रहा हूँ. अच्छा लग रहा है.
मजा तो तब आए आलोक भाई जब हिन्दी और मशीन लैंग्वेज के बीच में अंग्रेजी की दलाली न हो। खैर तब तक के लिए अंतरापृष्ठों ही सही।
फ़िनी के बारे में अच्छी जानकारी दी आपने, अब तक मैं फिनलैंड की भाषा का नाम भी फि़निश ही समझता था।
रुसी भाषा का कीबोर्ड किस तरह का होता है, क्या कुछ जानकारी दे सकते हैं आप?
जब 60 करोड हिन्दीभाषी संगणक का उपयोग अपनी भाषा में कर सकेंगे तब हिन्दुस्तान में एक सकारत्मक क्राति आ जायगी -- शास्त्री जे सी फिलिप
मेरा स्वप्न: सन 2010 तक 50,000 हिन्दी चिट्ठाकार एवं,
2020 में 50 लाख, एवं 2025 मे एक करोड हिन्दी चिट्ठाकार !!
बहुत ही अच्छा प्रयाश है आपका ।
सादर धन्यवाद !
अब तक मैं फिनलैंड की भाषा का नाम भी फि़निश ही समझता था।
फ़िनलैंड की भाषा को अंग्रेज़ी में फ़िनिश ही कहते हैं, अतः हिंदी में भी इसे फ़िनी या फ़िनिश कहा जा सकता है, जैसे जापानियों की भाषा को जापानी या जापानीज़ कह सकते हैं।
रूसियों का कुंजीपटल तो सिरलिक लिपि वाला होता है - उदाहरण। रूस में अक्सर कुंजीपटल पर रोमन व सिरिलिक दोनो लिपियों में अक्षर छपे होते हैं।
औसी के लेख में मुख्य बात मुझे यह लगी कि उन्होंने कंप्यूटर के इस्तेमाल में अंग्रेज़ी को सहायक के बजाय बाधक माना, जो कि भारत में हम कभी नहीं मानते।
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