भारतीय लिपियों के लिए यूनिकोड में प्रस्तावित परिवर्तन
"बहुभाषी साफ़्टवेयर के विकास के लिए यूनीकोड मानकों का अद्योग द्वारा व्यापक प्रयोग किया जा रहा है। यूनीकोड स्टैंडर्ड 3.0 में ISC II-1988 पर आधारित भारतीय लिपियों के लिए मानक कोड सैट शामिल होते हैं (भारतीय लिपि कोड सूचना आदान-प्रदान के लिए ISC II-IS 13194:1991)। भारतीय लिपियों के पर्याप्त निरूपण के लिए यूनीकोड स्टैंडर्ड में कुछ रूपांतरण शामिल किए जाने जरूरी हैं। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग संचार एवं सूचना टेक्नालोजी मंत्रालय यूनीकोड संसोरटियम का वोटिंग सदस्य है। सूचना टेक्नालॉजी विभाग ने संबंधित राज्य सरकारों, भारतीय आई टी उद्योग और भाषाविदों के परार्मा से वर्तमान यूनीकोड स्टैंडर्ड में प्रस्तावित परिवर्तनों को अंतिम रूप दिया गया है। इन्हें हाल ही में TDIL न्यूज़लेटर विश्वभारत@tdil अंक 4 (देवनागरी आधारित भाषाएं संस्कृत, हिन्दी, मराठी, नेपाली, कोंकणी, सिन्धी), अंक 5 (गुजराती, मलयालम तेलगू, गुरूमुखी, उड़िया), अंक 6 (बंगला, मनीपुरी और असमी), अंक 7-प्रिंट में (तामिल, कनाडा, उर्दू, सिन्धी, कमीरी)।" [sic]
(भारतीय भाषाओं के लिए प्रौद्योगिकी विकास (टीडीआईएल) साइट से)
Friday, July 16, 2004
Posted by v9y at 12:00 pm
2004-07-16T12:00:00-04:00
v9y
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