दैनिक हिन्दुस्तान के हेमंत जोशी हिंदी पत्रकारिता में अंग्रेज़ी शब्दों के अनावश्यक और अनुचित प्रयोगों से चिंतित हैं:
"हिन्दी के एक अख़बार ने तो अंग्रेज़ी इस्तेमाल करने का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उसमें कुछ दिन पहले मुखपृष्ठ पर छपी ख़बर का शीर्षक था 'सरकारी बाबुओं को तोहफ़ा, डीए मर्ज करने को मंजूरी'। यहाँ अनावश्यक ढंग से अंग्रेज़ी मिली हिन्दी लिखने का सवाल तो है ही, बात अंग्रेज़ी के ऐसे शब्दों को हिन्दी में प्रचलित करने की भी है जो हिन्दी में उनसे मिलते जुलते शब्दों का भ्रम पैदा करते हों। हिन्दी में मर्ज़ का अर्थ है बीमारी और अंग्रेज़ी के मर्ज का तात्पर्य है मिलाना। वैसे भी जब किसी भाषा के लोग दूसरी भाषा की क्रियाएँ अपने क्रिया पदों में मिलाने लगते हैं तो जानिए कि भाषा के प्राण हरने का इन्तज़ाम कर लिया गया है।"
पूरा लेख - क्या बने बात वहाँ...
Sunday, April 18, 2004
Posted by v9y at 8:53 pm
Comments by IntenseDebate
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2004-04-18T20:53:00-04:00
v9y
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