संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2008 को "भाषाओं का अंतरराष्ट्रीय वर्ष" घोषित किया है.
The General Assembly this afternoon, recognizing that genuine multilingualism promotes unity in diversity and international understanding, proclaimed 2008 the International Year of Languages.
Acting without a vote, the Assembly, also recognizing that the United Nations pursues multilingualism as a means of promoting, protecting and preserving diversity of languages and cultures globally, emphasized the paramount importance of the equality of the Organization’s six official languages (Arabic, Chinese, English, French, Russian and Spanish).
हालाँकि
कुछ जानकारों के अनुसार घोषणापत्र के
विस्तृत मसौदे में ज़्यादा ज़ोर संयुक्त राष्ट्र की 6 भाषाओं पर बराबरी का महत्व देने पर है. भाषाई विविधता को प्रोत्साहित करने और मृतप्राय भाषाओं के संरक्षण पर ध्यान कम है.
उम्मीद है इस भाषा-वर्ष में क़रीब आधे अरब लोगों की भाषा हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की भाषा बनाने के प्रयास में भी प्रगति होगी.
जाते-जाते एक जानकारी - क्या आपको पता है कि 21 फरवरी "
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस" है? तो अगले साल से क्यों न इस दिन ज़्यादा से ज़्यादा अपनी मातृभाषा(ओं) में बोलने, पढ़ने, और लिखने की कोशिश की जाए.