सिम्रेदो जावा यूनिकोड सम्पादन तन्त्र | Simredo Java Unicode Editor
Friday, January 07, 2005
Posted by आलोक at 6:33 am
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
जैसे चींटियाँ लौटती हैं बिलों में / कठफोड़वा लौटता है काठ के पास /
ओ मेरी भाषा! मैं लौटता हूँ तुम में
जब चुप रहते-रहते अकड़ जाती है मेरी जीभ / दुखने लगती है मेरी आत्मा
-केदारनाथ सिंह
हिंदी चर्चासमूह के सदस्य बनें |
2 comments:
इस टूल पर रेमिंगटन की बोर्ड का लेआउट तैयार कर साईट के प्रबंधक को भेज दिया है जवाब आते ही हिंदी कार्य करने वालों के लिये वितरण कर दिया जाएगा।
Nice post thanks for share This valuble knowledge
Post a Comment