Tuesday, September 16, 2008

मीर की फ़िक्र वाली एक दोपहर

From UrduFest 2008

पिछले सप्ताहांत युनिवर्सिटी ऑफ़ वर्जिनिया में दो दिवसीय 'उर्दूफ़ेस्ट' संपन्न हुआ. भारत से उर्दू के मशहूर लेखक-आलोचक शम्सुर रहमान फ़ारूक़ी के अलावा अमेरिकी उर्दू विद्वान फ्रांसिस प्रिचेट और शिकागो विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर सी एम नईम ने भी पर्चे पढ़े. सम्मेलन का एक सत्र मीर की शायरी पर केंद्रित था और दिलचस्प रहा. "मीर सबसे बड़े शायर कि ग़ालिब" के झगड़े ने लता-आशा या किशोर-रफ़ी विवादों की तर्ज ले रखी थी :). अंतिम सत्र में मुशायरे से पहले फ़ारूक़ी साहब ने अपनी एक नई किताब से चंद पन्ने पढ़े. उनका साथ दिया उनकी बेटी मेह्र फ़ारूक़ी ने.

सम्मेलन की कुछ तस्वीरें देखिए.