Showing posts with label चीन. Show all posts
Showing posts with label चीन. Show all posts

Saturday, July 28, 2007

चीन में चीनी का इस्तेमाल न करने पर मुक़दमा

चीन में मेक्डोनल्ड्स के विज्ञापन चीनी में आते हैं, और सारे कर्मचारी भी चीनी हैं, अतः उनको भी चीनी आती ही है। ग्राहक भी अधिकतर चीनी ही हैं। शान नामक एक वकील ने पिछले मई और जून में वहाँ खाना खाया, तो रसीद अधिकांशतः अङ्ग्रेज़ी में थी। उन्होंने जानकारी के अधिकार के उल्लङ्घन के अन्तर्गत कम्पनी पर मुक़दमा दायर किया है, उनका कहना है कि चीनी में रसीद न होने से उनके अधिकार का हनन हुआ है।
सम्भवतः इसी की प्रतिक्रिया स्वरूप जुलाई से मेक्डोनल्ड्स की सभी रसीदें भी अब पूर्णतः चीनी भाषा में हो गई हैं, और कम्पनी वाले सफ़ाई दे रहे हैं कि हमारी सारे विज्ञापन तो चीनी में ही हैं, और सब कर्मचारियों को भी चीनी आती है, केवल रसीद भर ही चीनी में नहीं थी। लेकिन वकील शान चाहते हैं कि उन्हें एक युआन - लगभग ५ रुपए - का हर्ज़ाना दिया जाए - और अखबारों में मेक्डोनल्ड्स वाले इसके लिए माफ़ीनामा छापे। और यह हाल तब है जब रसीदें अधिकांशतः अङ्ग्रेज़ी में थीं, यानी अंशतः चीनी में भी थीं।

कल्पना करें कि ऊपर वाली खबर में चीन के बदले भारत हो और चीनी के बदले हिन्दी - या फिर तमिळ, तेलुगु या मराठी - नहीं कर पाते न कल्पना? भारत और हिन्दी के सन्दर्भ में देशभक्ति और स्वभाषा प्रेम की इस प्रकार की पराकाष्ठा तो क्या शुरुआत की भी कल्पना कर पाना मुश्किल है।