जैसे चींटियाँ लौटती हैं बिलों में / कठफोड़वा लौटता है काठ के पास /
ओ मेरी भाषा! मैं लौटता हूँ तुम में
जब चुप रहते-रहते अकड़ जाती है मेरी जीभ / दुखने लगती है मेरी आत्मा
-केदारनाथ सिंह
"बीबीसी हिंदी सेवा की वेबसाइट बीबीसीहिंदी डॉट कॉम ने भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन पोर्टलों में से एक, वेबदुनिया के साथ समाचार सामग्री उपलब्ध कराने के लिए समझौता किया है."
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