सरकार का कहना है कि आज हिंदी दिवस है.
प्राकृतिक भाषाएँ एक दिन में जन्म नहीं लेतीं, इसलिये उनके जन्म-दिवस नहीं होते. यही कारण है कि आपने कभी फ़्रांसीसी दिवस या अँगरेज़ी दिवस नहीं सुने होंगे. ऐसे देशों में भी जहाँ माँ-बाप-भाई-बहन-पत्नी-चाचा-ताउओं के लिए भी दिन तय होते हैं, किसी भाषा का कोई ख़ास सरकारी या ग़ैरसरकारी दिन नहीं होता. फिर हमें ये क्या सूझी?
देखा जाए तो ग़लती तकनीकी है. १४ सितम्बर को हिंदी दिवस मनाने का कारण यह नहीं कि इस दिन हिंदी का जन्म हुआ था, या उस दिन इसका नाम पहली बार हिंदी पड़ा. बल्कि यह है कि १९४९ की १४ सितम्बर को हिंदी को भारत की राजभाषा का दर्जा मिला था. तो क़ायदे से इसे राजभाषा दिवस कहा जाना चाहिए. भाषा दिवस कह लीजिए. पर हिंदी दिवस? ग़लत समझ में आता है.
अब ये बात बिल्कुल अलहदा है कि राजभाषा बनकर हिंदी को फ़ायदे कम नुकसान ज़्यादा हुए. सरकारी हिंदी बन गई औपचारिक, रूखी और अनुवाद की भाषा. और वह भी बस खानापूर्ति को, बल्कि कई बार उतनी भी नहीं. न तो यह सही मायनों में राजभाषा बन सकी न सरकारी काजभाषा.
इसके कारण कई रहे होंगे और मैं उनमें नहीं जाना चाहता, पर हिंदी समेत भारतीय भाषाओं के विकास को सरकारी मशीनरी ने अवरुद्ध भले ही किया हो, गति तो नहीं दी. अगर हिंदी फिर भी जनभाषा है, विश्व में तीसरी-चौथी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली ज़ुबान है, दिनों-दिन नये शब्द ग्रहण करती जीवंत बोली है, तो यह सरकारी मशीनरी के प्रयासों के बावजूद है, उनके कारण नहीं.
पर मनाने दीजिये सरकार को राजभाषा का एक दिन. आखिर यह आधिकारिक मामला है. इस बहाने साल में एक दिन तो समीक्षा करें कि आधिकारिक तौर पर इस दिशा में क्या काम हो रहा है. बस इसे हिंदी दिवस कहा जाना थोड़ा खटकता है. वैसे ही जैसे अगर आप स्वतंत्रता दिवस को भारत दिवस कहने लग जाएँ.
"पर मनाने दीजिये सरकार को राजभाषा का एक दिन."
ReplyDeleteअरे अब आप भी मना ही लिजिये...बहुत शुभकामनाऎं....
बिल्कुल सही बात कही है विनय जी. अंत में सरकार क्या कहती है या करती है, इससे कुछ फर्क नहीं पड़ेगा. डँडे या कानून के ज़ोर से भाषाएँ नहीं फ़लती फ़ूलती, अगर उनमें जनता को अपनी अभिव्यक्ति न मिले. उससे अधिक प्रभाव पड़ा है शायद मुम्बई के फ़िल्म जगत की भाषा होना का!
ReplyDeletenamaste my friends,
ReplyDeletecould someone tell me how to get a hindi unicode typing tool.
i shall keep checking this place for an answer
thanks
ദിവാ (ദിവാസ്വപ്നം),
ReplyDeleteCheck the links on the homepage of this blog. You can start here:
http://www.giitaayan.com/x.htm
or,
http://quillpad.in/